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पशुओं को आवारा छोड़ने वालों पर राज्य सरकार करेगी कड़ी कार्रवाही

पशुओं को आवारा छोड़ने वालों पर राज्य सरकार करेगी कड़ी कार्रवाही

योगी सरकार प्रदेश में घूम रहे निराश्रित पशुओं की सुरक्षा के लिए अभियान चलाने जा रही हैं। इसके लिए समस्त जनपदों के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश में सड़कों पर विचरण कर रहे पशुओं को लेकर अक्सर राजनीति होती रहती है। ऐसी स्थिति में सड़कों पर छुट्टा घूम रहे गोवंश को लेकर राज्य सरकार काफी सख्ताई बरत रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के समस्त जिला अधिकारियों को सड़कों पर घूम रहे निराश्रित गोवंश को गौशालाओं तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश के पशुधन और दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया है, कि राज्य में यह अभियान चलाकर हम निराश्रित गोवंश का संरक्षण करने के साथ-साथ उन्हें गौशालाओं तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इसके लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से गौ संरक्षण करने के लिए यह योजना जारी की गई है।

गोवंश संरक्षण हेतु अभियान का समय

उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है, कि इस योजना का प्रथम चरण बरेली, झांसी और गोरखपुर मंडल में 10 सितंबर से 25 सितंबर तक सुनिश्चित किया जाएगा। सड़कों पर विचरण कर रहे गोवंश को गोआश्रय तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। वहीं, इसके साथ ही उनके खान-पान की भी समुचित व्यवस्था की जाएगी। यह भी पढ़ें: योगी सरकार ने मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के लिए 75 से 350 करोड़ का बजट तय किया

पशुओं को छुट्टा छोड़ने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने इन जनपद के किसानों एवं पशुपालकों से निवेदन किया है, कि कोई भी पशुओं को सड़कों पर निराश्रित ना छोड़ें। यदि कोई भी शक्श ऐसा करता पाया गया तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने जनपद के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, कि ऐसे लोगों की पहचान की जाए जो पशुओं को खाली सड़कों पर छोड़ दे रहे हैं। साथ ही, संपूर्ण राज्य में इस अभियान का चरणबद्ध ढ़ंग से प्रचार-प्रसार किया जाए। सरकार स्थानीय प्रशासन, मनरेगा एवं पंचायती राज विभाग के सहयोग से समस्त जनपदों में गोआश्रय स्थल बनवाएगी और पहले से मौजूद गौशालाओं की क्षमता का विस्तार भी किया जाऐगा। यह भी पढ़ें: योगी सरकार द्वारा जारी की गई नंदिनी कृषक बीमा योजना से देशी प्रजातियों की गायों को प्रोत्साहन मिलेगा

मवेशियों की ईयर टैगिंग की जाऐगी

पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया है, कि ग्रामीण क्षेत्र के सभी पशुओं का ईयर टैगिंग किया जाएगा। इसकी सहायता से मवेशियों की देखभाल और निगरानी में काफी आसानी होगी। इसके अतिरिक्त सरकार ने बाढ़ प्रभावित जनपदों में पशुओं के लिए पर्याप्त चारा, औषधीय और संक्रामक रोगों से संरक्षण के लिए दवाईयों एवं टीकाकरण की व्यवस्था भी करेगी।
योगी सरकार ने किसानों की फसल को आवारा पशुओं से बचाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया

योगी सरकार ने किसानों की फसल को आवारा पशुओं से बचाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया

सोलर फेसिंग लगाने से किसानों को काफी हद तक फायदा मिलेगा। आवारा या निराश्रित पशु इसकी वजह से किसानों की फसलों को हानि नहीं पहुंचा पाऐंगे। क्योंकि फेसिंग से टच होते ही मवेशियों को हल्का सा करंट महसूस होगा। उत्तर प्रदेश में निराश्रित मवेशी किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बन गए हैं। इन आवारा पशुओं के चलते हजारों हेक्टेयर में लगी फसल प्रति वर्ष चौपट हो जाती है। इससे किसानों को बड़े स्तर पर आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। परंतु, वर्तमान में उत्तर प्रदेश के किसानों को आवारा मवेशियों को लेकर अब चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा आवारा पशुओं से फसलों का बचाव करने के लिए एक शानदार प्रस्ताव पेश किया है। योगी सरकार का यह दावा है, कि इस प्रस्ताव के जारी होने के पश्चात काफी हद तक आवारा पशुओं के आतंक पर रोक लगेगी और फसल की बर्बादी भी काफी हद तक कम होगी।

योगी सरकार सोर ऊर्जा से संचालित फेसिंग का आधा खर्च उठाएगी

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सोलर एनर्जी यानी सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले सोलर फेंसिंग लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, सरकार निराश्रित पशुओं के आतंक पर रोक लगाने के लिए खेतों की तारबंदी करेगी। मुख्य बात यह है, कि तारबंदी में 6 से 10 वॉट का करंट बहता रहेगा। इस करंट की आपूर्ति खेत में लगे सोलर पावर के माध्यम से होगी। इसके लिए योगी सरकार किसानों को अच्छा-खासा अनुदान दे सकती है। सोलर पावर और तारबंदी करने पर जो खर्चा आएगा उसका आधा खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा।

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बहुत सारे पशुओं की मृत्यु भी हो चुकी है

सोलर फेंसिंग लगाने के उपरांत किसानों को इसका काफी फायदा होगा। आवारा मवेशी उनकी फसलों को चौपट नहीं कर पाऐंगे। क्योंकि, फेंसिंग से टच होते ही मवेशियों को हल्का सा करंट लगेगा। हालांकि, इस करंट की वजह से मवेशियों को कोई भी नुकसान नहीं होगा। हालांकि, पहले भी किसान मवेशियों से फसलों का बचाव करने के लिए खेतों की कटीले तारों से फेसिंग करते थे। कटीले तारों की फेसिंग में करंट की आपूर्ति करना प्रतिबंधित है। क्योंकि, इस की वजह से मवेशियों को काफी हानि पहुंचती थी। वह करंट एवं कटीले तार की चपेट में आने की वजह से घायल हो जाते थे। अब तक उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक फेंसिंग की चपेट में आने से बहुत सारे मवेशियों की मृत्यु भी हो चुकी है।

प्रस्ताव कब तक पेश होगा

बता दें, कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के आने से पहले आवारा मवेशी बहुत बड़ा चुनावी मुद्दा बन गए थे। यही कारण है, कि कृषि विभाग की तरफ से आवारा मवेशियों से फसलों का बचाव करने के लिए इस प्रकार का प्रस्ताव तैयार किया है। ऐसा कहा जा रहा है, कि सोलर फेंसिंग के लिए सरकार अच्छी-खासी सब्सिडी प्रदान कर सकती है। इसके लिए बजट का आकलन किया जा रहा है। कैबिनेट बैठक के पश्चात यह प्रस्ताव लाया जा सकता है।